*कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना, श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ! - आनंद जाखोटिया*


*कालानुसार ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए योगदान देना, श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ! - आनंद जाखोटिया** 

मध्य प्रदेश में इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर के साथ देश में १५४ जगह सनातन संस्थाद्वारा ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ !


 *ग्वालियर - ‘सुखस्य मूलं धर्मः।’, अर्थात सुख का मूल धर्माचरण में है । यदि समाज और राष्ट्र को सुचारू रूप से चलाना है, तो सभी क्षेत्रों में धर्म की स्थापना आवश्यक है । उसके लिए प्रत्येक को धर्मशिक्षा लेकर, धर्माचरण कर धर्माधारित समाज का निर्माण और धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए सक्रिय होना चाहिए । कालानुसार हिन्दू राष्ट्र के लिए योगदान देना श्रीगुरु के समष्टि रूप की सेवा ही है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति मध्यप्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने इस अवसर पर किया । सनातन संस्था द्वारा आयोजित गुरुपूर्णिमा महोत्सव में वे बोल रहे थे । लष्कर स्थित श्री रामजानकी मंदिर में यह महोत्सव भावपूर्ण वातावरण में मनाया गया । देशभर में 154 स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ भावपूर्ण वातावरण में मनाए गए । 

 श्री. जाखोटिया ने आगे बताया की, व्यक्तिगत या सामाजिक जीवन में धर्म का अधिष्ठान आने से वह व्यक्ति नीतिवान बनता है और कुछ भी गलत काम करने से बचता है । इसलिए धर्म का अधिष्ठान हुआ, तो ही धर्माधारित यानि आदर्श समाज का निर्माण हो सकता है । इसलिए राष्ट्र को वास्तविक रूप से उर्जितावस्था प्राप्त करनी हो, तो धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता है ।

 इस महोत्सव के प्रारंभ में श्री व्यासपूजा और प.पू. भक्तराज महाराजजी की प्रतिमा का पूजन श्री. विवेक पेठकरजी ने किया । साथ ही जागृति हेतु विभिन्न विषयों की प्रदर्शनी भी यहांपर लगाई गयी । इस समय ग्वालियर-चंबल पत्रिका के संपादक श्री. दिनकर शर्मा, योगशिक्षिका श्रीमती जयश्री कौशिक, डॉ. ईश्वरचंद करकरे, श्री. जयेंद्रसिंग राणा इनके साथ अन्य मान्यवर उपस्थित थे । 

 इस वर्ष सनातन संस्था द्वारा मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, कन्नड, तमिल, तेलगु, गुजराती, बंगाली, उडिया आदि 9 भाषाओं में ऑनलाइन के माध्यम से गुरुपूर्णिमा महोत्सवों संपन्न हुवा । इस माध्यम से देशविदेश के हजाराें श्रद्धालुओं ने ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’ का लाभ उठाया । ऑनलाइन गुरुपूर्णिमा उत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवले की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने ‘इम्पोर्टेन्स ऑफ गुरु’ इस ई-बुक का लोकार्पण किया । 

दीनबंधु शर्मा

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